
गर्मियों में तापमान का बढ़ना केवल असहजता ही नहीं लाता, बल्कि यह हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है। जब पारा चढ़ता है और शरीर ज्यादा पसीना बहाता है, तब दिल को सामान्य से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही वजह है कि गर्मी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा दोगुना तक बढ़ जाता है
क्यों बढ़ जाता है गर्मी में हार्ट अटैक का रिस्क?
गर्मी में शरीर से अत्यधिक पसीना निकलने से पानी और जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इससे शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है और खून गाढ़ा होने लगता है। गाढ़े खून को पंप करने के लिए दिल को अधिक बल लगाना पड़ता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और हार्टबीट तेज हो जाती है। यह स्थिति दिल के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है, खासकर पहले से हृदय रोग से जूझ रहे लोगों के लिए।
हीट स्ट्रोक और ब्रेन पर असर
तेज गर्मी का असर सिर्फ दिल पर ही नहीं, दिमाग पर भी पड़ता है। हीट स्ट्रोक के कारण मस्तिष्क में सूजन आने का खतरा बढ़ जाता है, जो ब्रेन हेमरेज जैसी गंभीर स्थिति को जन्म दे सकता है। डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन से मस्तिष्क की नसों पर दबाव पड़ता है।
दिल के मरीजों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कोठारी के अनुसार, जो लोग पहले से हार्ट पेशेंट हैं, उनके लिए गर्मी और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती है। उन्हें खून गाढ़ा होने, बीपी बढ़ने, और पसीने के कारण शरीर में वॉल्यूम कम हो जाने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन कारणों से उन्हें अक्सर दवा की डोज़ बढ़ानी पड़ती है।
दिल को बचाने के लिए क्या करें?
पर्याप्त पानी पिएं – रोजाना कम से कम 3 लीटर पानी जरूर पिएं। अगर धूप में बाहर जाना पड़े तो यह मात्रा 4 लीटर तक हो सकती है।
कोल्ड ड्रिंक से बचें – पैकेज्ड कोल्ड ड्रिंक दिल की धड़कन बढ़ा सकती है और शरीर को और डिहाइड्रेट कर सकती है। इसकी बजाय घर का बना नींबू पानी या नमक वाला पानी बेहतर है।
हाइड्रेटिंग डाइट लें – पोटैशियम से भरपूर फल और सब्जियाँ जैसे केला, नारियल पानी, खीरा, तरबूज आदि का सेवन करें।
ठंडी जगह पर रहें – जहाँ तक संभव हो, एसी या कूलर वाले वातावरण में रहें, विशेष रूप से दोपहर के समय जब तापमान चरम पर होता है।
भारी व्यायाम से बचें – गर्मी में आउटडोर एक्टिविटी या हाई इंटेंसिटी एक्सरसाइज से परहेज करें, खासकर दोपहर के समय।