सिंगापुर, चीन, थाईलैंड और हॉन्गकॉन्ग, एशियाई देशों में कोरोना फिर लौट आया है। सिंगापुर में 13 मई तक कोरोना के 14,200 और थाईलैंड में 17 मई तक 33,030 नए मरीज मिले हैं। हॉन्गकॉन्ग में 10 मई तक 1042 नए केस दर्ज किए गए।भारत में भी 12 मई के बाद से केस बढ़े हैं। 11 राज्यों में नए केस सामने आए हैं। ज्यादातर मामले केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु से हैं। 19 मई को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जो आंकड़े दिए, उसके मुताबिक देश में एक्टिव केस 257 हैं। मुंबई में दो मरीजों की मौत की खबर भी आई है। हालांकि, एक्सपर्ट्स कोरोना के इस वैरिएंट को ज्यादा खतरनाक नहीं मान रहे हैं।कोविड के बढ़ते केसेज को देखते हुए दैनिक भास्कर ने सिंगापुर और थाईलैंड में रह रहे भारतीयों से बात की। साथ ही एक्सपर्ट से भी समझने की कोशिश की है कि एशियाई देशों में बढ़ते मामलों से भारत में कितना खतरा है। क्या सावधानियां बरती जाएं और क्या फिर से वैक्सीन लगवाने की नौबत आ सकती है…
अभी 257 एक्टिव केस, लेकिन हालात गंभीर नहीं भारत में 12-18 मई के बीच कोविड के 164 नए केस रिपोर्ट किए गए हैं। 19 मई को जारी सेंट्रल हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में 257 एक्टिव केस हैं। हालांकि, हेल्थ मिनिस्ट्री के अफसरों ने मीडिया से कहा कि भारत में जो केस आए हैं, वो सीरियस नहीं हैं। इसमें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है।दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार भारत में आ रहे केस पर कहते हैं, ‘इसके बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं आई है। ज्यादातर लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं, इसलिए चिंता की बात नहीं होनी चाहिए। अगर किसी को लक्षण दिख रहे हैं तो उसे खुद आइसोलेट हो जाना चाहिए, मास्क लगाना चाहिए।’जिन राज्यों में कोविड के मामले ज्यादा बढ़े हैं, उनमें महाराष्ट्र, तमिलनाडु और केरल शामिल हैं। 19 मई को जारी आंकड़ों के मुताबिक, केरल में एक्टिव केस की संख्या 95 हो गई। इनमें 69 केस 12 मई से बढ़े हैं। तमिलनाडु में एक्टिव केस 66 हैं, जो पिछले एक हफ्ते के मुकाबले दोगुना है। महाराष्ट्र में एक्टिव केस की संख्या 56 बताई गई है।
