ज्योती ने बताया की दानिश के कहने पर अली एहवान से मिली। अली ने मुझे पाकिस्तान में सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस के अफसरों से मिलवाया। वहीं शाकिर से मिली। मैंने शाकिर का मोबाइल नंबर ले लिया। मेरे मोबाइल में शाकिर का नंबर जाट रंधावा के नाम से सेव है। ऐसा इसलिए किया ताकि किसी को शक न हो।’
सूत्रों के मुताबिक, जासूसी के आरोप में अरेस्ट हरियाणा को ज्योति मल्होत्रा ने एजेंसी के सामने ये कबूल किया है। इस कबूलनामे में दो नाम खास हैं- दानिश और शाकिर। दानिश दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन का अफसर था, जिसे 13 मई को भारत सरकार ने देश छोड़ने के लिए कह दिया था।
जासूसी के आरोप में पकड़े गए 13 लोगों में ज्यादातर ने दानिश का नाम लिया है। दानिश ने ही पाकिस्तान जाने में ज्योति की मदद की थी। दूसरा शाकिर, जिससे ज्योति पाकिस्तान के लाहौर में मिली थी।
दैनिक भास्कर ने शाकिर की डिटेल निकाली, तो पता चला कि वो लाहौर का रहने वाला है। जांच एजेंसियों को उसके ISI एजेंट होने का शक है। इसकी वजह शाकिर का बार-बार नाम बदलना। वो बीते एक साल में तीन बार नाम बदल चुका है।
अलग-अलग प्रोफाइल बनाकर भारतीयों से बात करता था। सोर्स के मुताबिक, ISI एजेंट ने ऐसे लोगों, खासकर यूट्यूबर्स को टारगेट किया जिन्हें पैसों की जरूरत थी या जो पाकिस्तान जाना जाना चाहते थे।
